पेज

गझल पेज

सौ सुधा जाधव यांचे काव्यलेखन मार्गदर्शन

गझल

कविता मंत्र

खरपुस वात्रटिका

गाण्यातील माझा स्वर

ग्राफिक्स

अष्टाक्षरी

द्रोण रचना

हायकू रचना

कविता १

कविता २

चारोळी

प्रकाशित साहित्य

सत्कार/गौरव

videos

हायकू खिल्लारे

फ्लिपबुक

महफील

 महफील... (मिश्रकाव्य)


जमीपर जगमगाये झिलमिल सितारे

भरारी  घेण्या  मग   पेटविले निखारे


जलाके दिल को  आज मै  राख हुआ

काजव्यांनी  रे   तुडविले  अंधार सारे


कभी  तो  मुझे समज  ये मेरे जिंदगी

आता  उघड   अलवार  मनाची  दारे


हरेक चीज  बिखरी हुयी है  मिटनेको

आता  कुठे   वाहताहेत   प्रेमाचे  वारे


बिखर  गया  हूं  आज  मैं  इस  तरहा

नाही मज आता  कुठेलेच  गीत प्यारे


अब बरसात हुयी है  गुमसुमसी यारो

गंधाळली माती   श्वासातून  वाहे वारे


अब  तो  लहरे  उठती  है   जीवन  मे

वादळांनी कसे व्हावे  शांत  हे किनारे


भरी महफील मे हम खामोश थे यारो

रोज  का  खुणावते  मज  हे  इशारे ?


© कमलेश सोनकुसळे, काटोल